उत्तर वाहिनी
(भाषा, साहित्य, संस्कृति, अनुवाद और शोध की पत्रिका)
जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय की अर्धवार्षिक हिंदी पत्रिका
संपादक की कलम से
जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 के अंतर्गत 2011 में स्थापित किया गया । विश्वविद्यालय के हिंदी प्रकोष्ठ द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पत्रिका ''उत्तर वाहिनी'' का प्रकाशन एक विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया गया है। जम्मू एवं कश्मीर भाषा की दृष्टि से 'ग' राज्य है अर्थात अन्य शब्दों में कहें तो हिंदीतर भाषी राज्य की श्रेणी में आता है और हिंदीतर भाषी राज्य के केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते हमारा कर्तव्य और भी अधिक हो जाता है कि इस राज्य में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार एवं हिंदी प्रेमियों को एक मंच प्रदान किया जाए । इसी दायित्व की को पूरा करने के उद्देश्य से हम 'उत्तर वाहिनी' के माध्यम से एक मंच प्रदान करने में सफल हुए हैं । उत्तर वाहिनी भाषा, साहित्य, संस्कृति, अनुवाद एवं शोध पर केंद्रीत पत्रिका है ।
14 सितंबर 1949 को देवनागरी में लिखित हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया है। हिंदी किसी राज्य विशेष की भाषा न होकर पूरे राष्ट्र की भाषा है। सैंकड़ों वर्षो से हिंदी जनसंपर्क की भाषा रही है। स्वतंत्रता आंदोलन में राष्ट्रीय चेतना जगाने का महत्वपूर्ण कार्य इस भाषा ने किया है। सारे राष्ट्र को मज़बूत समाज के रूप में उभारने में हिंदी भाषा की विशेष भूमिका रही है।
हिंदी की विशेषता को हमारे संविधान निर्माता भी अनदेखा नहीं कर सके और इस भाषा के विकास और प्रचार-प्रसार की व्यवस्था संविधान में भी की गई है। भारतीय संविधन के अनुच्छेद 351 में हिंदी के प्रचार-प्रसार के संबंध में निर्देश निर्धारित किये गये हैं जिसके क्रम में केंद्र सरकार ने भारत तथा प्रादेशिक सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों तथा अधीनस्थ तथा स्वायत कार्यालयों में हिंदी भाषा के प्रयोग को सुनिश्चित करने के लिए राजभाषा विभाग, केंद्रीय हिंदी निदेशालय, वैज्ञानिक तकनीकी शब्दावली आयोग, हिंदी प्रशिक्षण संस्थान, केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो जैसे कार्यालयों की स्थापना की है, जो हिंदी के विकास, प्रचार-प्रसार और क्रियान्वयन से संबंधित विभाग हैं। इसके अतिरिक्त हिंदी की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए संसदीय राजभाषा समिति, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों तथा विभागीय कार्यान्वयन समितियों का गठन किया गया है। हमारा कर्तव्य बनता है कि हम जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा दें तथा हिंदी के प्रति प्रेम रखने वाले हिंदी प्रेमियों, रचनाकारों, छात्रों, संकाय सदस्यों, अधिकारियों, कर्मचारियों के विचारों को महत्व दें । इसी विचार को मूर्त रूप देने के लिए जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के द्वारा इस हिंदी पत्रिका का प्रकाशन किया जा रहा है।
प्रो. संजीव जैन
संख्या
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अंक |
लिंक
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1. | उत्तर वाहिनी पत्रिका अंक 1 | यहां क्लिक करें |
2. | उत्तर वाहिनी पत्रिका अंक 2 | यहां क्लिक करें |
3. | उत्तर वाहिनी पत्रिका अंक 3 | यहां क्लिक करें |
4. | उत्तर वाहिनी पत्रिका अंक 4 | यहां क्लिक करें |
5. | उत्तर वाहिनी पत्रिका अंक 5 | यहां क्लिक करें |
6. | उत्तर वाहिनी पत्रिका अंक 6 | यहां क्लिक करें |
7. | उत्तर वाहिनी पत्रिका अंक 7 | यहां क्लिक करें |
संपादक संपर्क
उपसंपादक, उत्तर वाहिनी पत्रिका
हिंदी शाखा. जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय
राया-सुचानी (बागला), जिला- सांबा
जम्मू एवं कश्मीर-181143
वेबसाइट www.cujammu.ac.in